बसपा सुप्रीमो मायावती ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की हैं. शनिवार को मायावती ने प्रेस रिलीज करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ केंद्र सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए, लेकिन सरकार उदासीन हैं. बसपा सुप्रीमो कहती हैं कि मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण आज दलित आदिवासी, धार्मिक अल्पसंख्यक सर्व समाज के लोगों और पुलिस का शिकार बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य विधिक आयोग द्वारा सख्त कानून बनाने की सिफारिश स्वागत योग्य हैं. वहीं बीजेपी को बीएसपी की तरह सख्त कानून लागू करवाने की इच्छा शक्ति लानी होगी.
क्या है आयोग की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक आयोग पिछले काफी वक्त से हिंसा रोकने के तरीकों पर रिसर्च कर रहा था. अपनी रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल, केरल, जम्मू व कश्मीर व झारखंड राज्यों में हाल में घटित भीड़ तंत्र की हिंसा अब यूपी में भी अपने पैर पसारने लगी है. इसकी रोकथाम जरूरी है. आयोग का कहना है कि भीड़ हिंसा पुलिस की लापरवाही के कारण भी होती है. उन्मादी हिंसा की बढ़ती घटनाओं में पुलिस भी निशाने पर रहती है और पुलिस को जनता अपना शत्रु समझने लगती है.
आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकार की घटनाएं न केवल गोवंश की कथित रक्षा को लेकर हो रही हैं, बल्कि चोरी, प्रेम प्रसंग, बच्चों की चोरी, रेप और कुछ अंधविश्वास जैसे भूत, प्रेत, चुड़ैल, तंत्र व मंत्र से भी संबंधित हैं. दरअसल भीड़ की हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की थी और राज्यों से कहा था कि वो इसे रोकने के रास्ते निकाले विधि आयोग की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी उन्मादी हिंसा पर चिंता व्यक्त की है.